इस वर्ष अयोध्या में कुम्हारों की दीपावली फीकी, दीपोत्सव के लिए नहीं मिला सरकार की ओर से दीपक बनाने का ऑर्डर

मुख्य विन्दु
- ऑर्डर न मिलना: कुम्हारों को सरकार की ओर से दीपोत्सव के लिए दीपक बनाने का ऑर्डर नहीं मिला है, जो उन्हें पिछले सालों में मिलता रहा था।
- बाजार में चीनी झालरों का प्रभुत्व: दीपावली पर बाजार में चीनी झालरों की बढ़ती मांग और उनके इस्तेमाल ने पारंपरिक दीयों की जगह ले ली है, जिससे कुम्हारों के काम पर असर पड़ रहा है।
- आय पर असर: ऑर्डर न मिलने के कारण कुम्हारों की आय कम हुई है और उनके लिए दीपोत्सव का त्योहार पहले जैसा उत्साहपूर्ण नहीं रहा।
- सरकार से उम्मीद: कुम्हारों को सरकार से उम्मीद है कि वह उनके पारंपरिक व्यवसाय और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाएगी, जैसे पहले दीपोत्सव में उनके बनाए दीयों का इस्तेमाल होता था।
अयोध्या। भगवान राम की नगरी अयोध्या धाम में कुम्हारों की दीपावली इस बार फीकी रहने वाली है। दीपोत्सव के लिए इस बार उन्हें दीपक बनने का आर्डर सरकार द्वारा नही मिला है। जब कि सरकार द्वारा स्थानीय कुम्हारों को वरीयता दी जाने की बात कही जाती है। अयोध्या धाम के सीताकुंड जयसिंहपुर कुम्हार टोला में लगभग 100 परिवार कई दीपोत्सव से दीए की सप्लाई ऐजेंट के माध्यम से ठेकेदार को किया करते थे। परन्तु इस बार आर्डर न मिलने से सभी के चेहरे मायूस है। स्थानीय कुम्हार बाहर से दीपक खरीदारी की बात कह रहे हैं। इस बार दीपोत्सव की जिम्मेदारी तीर्थ विकास परिषद को सौंपी गई है। लोकल एजेंट राजेश कुमार ने बताया कि पिछले दीपोत्सव में 10 लाख दीपकों का आर्डर मुख्य ठेकेदार द्वारा दिया गया था। जिसमें 7.5 लाख दीपकों की सप्लाई की गई थी। शेष 2.5 लाख के लगभग दीपक उसके पास अभी बचे हुए हैं। बताया कि उन्होंने कुम्हारों को स्टॉक के 2.5 लाख दीपकों का भुगतान अपने पास से कर दिया है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा कई बार मोबाइल से मुख्य ठेकेदार से सम्पर्क किया गया। लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नही मिला है। उनका कहना है कि दीपोत्सव को बहुत कम दिन बचे है लेकिन यदि ऑर्डर मिलता है तो 10 लाख दीपकों की आपूर्ति की जा सकती है। बताया कि नवरात्र में दीपकों का आर्डर मिल जाता था। लेकिन इस बार अभी तक ऑर्डर नही मिला है।
स्थानीय कुम्हार पिंटू प्रजापति ने बताया कि पिछली बार 30 हजार दीपक उसने लोकल एजेंट को दिया था। प्रति दीपक एक रूपये की दर से उसे भुगतान मिला था। जिससे दीपावली में अच्छी धनराशि उसे मिल गई थी। गांव के कई परिवार के सभी सदस्य इस दौरान दीपक बनाने में लगे रहते है। इसके साथ ही आस-पास के कई गांव के कुम्हारों को दीपक का ऑर्डर मिलता है। इस बार ऑर्डर न मिलने से लोगों में मायूसी है। गांव के अनिल ने 40 हजार तिलकराम ने 15 हजार दीपक की सप्लाई पिछले दीपोत्सव में किया था।



